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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

एमपी के सीएम शिवराज की समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी घोषणा की टाइमिंग पर सवाल

एमपी के सीएम शिवराज की समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी घोषणा की टाइमिंग पर सवाल

सीएम ने आखिरी दौर में की घोषणा, अब सर्वर डाउन

पहले ही उपज बेच चुके हैं कुछ किसान, चूक गए चौहान मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग की सरकारी खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है। किसान हित में मुख्यमंत्री के इस निर्णय को देर से लिया गया फैसला बताया जा रहा है। मध्य प्रदेश में मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने के सरकारी निर्णय की जरूरी खबर आई तो जरूर है, लेकिन देरी से। गुड न्यूज ये भी है कि सरकार ने इस साल समर्थन मूल्य में आंशिक लेकिन वृद्धि जरूर की है।



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टाइमिंग पर सवाल -

भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह एक किसान समर्थित फैसला हो, लेकिन इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। उन पर मूंग के समर्थन मूल्य की घोषणा के संदर्भ में चूक गए चौहान वाली कटूक्तियां की जा रहीं हैं।

उपज बेच चुके किसान -

किसानों का कहना है कि, मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी करने में देर कर दी है। इस घोषणा एवं खरीदी संबंधी रजिस्ट्रेशन आदि की प्रक्रिया पूरी होने के पहले तक अधिकांश किसानों ने कृषि उपज मंडी में ओने-पोने दाम पर मूंग की अपनी उपज बेच दी है।



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प्रक्रिया इस बार -

मध्य प्रदेश में इस साल समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का रजिस्ट्रेशन सिर्फ सहकारी सोसायटी के माध्यम से हो रहा है। ऐसी स्थिति में पंजीकरण का अन्य कोई विकल्प न होने से भी किसान असमंजस में हैं, कि वे किस तरह समर्थन मूल्य पर उपज का रजिस्ट्रेशन कराएं। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के बरेली आदि क्षेत्रों में ग्रीष्म कालीन सीजन में गेहूं, चना, कटाई के फौरन बाद मूंग की खेती शुरू कर दी जाती है। इस चक्र के अनुसार इस बार भी क्षेत्र के कृषकों ने लगभग 18 से 20 हजार हेक्टेयर भूमि में मूंग की बोवनी की थी।



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तंत्र की खामी -

इंटरनेट आधारित समर्थन मूल्य पर कृषि उपज के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तंत्र की सबसे बड़ी समस्या सर्वर डाउन होने की है। किसानों ने जी तोड़ मेहनत कर मूंग उपजाई थी, लेकिन सरकारी खरीद नीति ने फिलहाल किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। कई जगहों पर सर्वर डाउन होने की वजह से पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं। पंजीकरण सिर्फ सहकारी सोसायटी से होने के कारण दूसरा विकल्प न होने से भी किसान मूंग की उपज के पंजीकरण से वंचित हैं।



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इनको किया था दायरे में शामिल -

सरकार ने पूर्व में धान, गेहूं, चना आदि उपज के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा की थी, लेकिन सरकार के द्वारा हाल ही में मूंग की उपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया।

पिछले माह के मुकाबले अंतर -

पिछले साल सरकार ने मूंग के बारे में 15 जून से समर्थन मूल्य की घोषणा की थी। इस साल सरकार ने 18 जुलाई से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। हालांकि इस बार सरकार ने समर्थन मूल्य में 79 रुपए की वृद्धि की है।

समर्थन मूल्य तब और अब -

सरकार ने इस वर्ष मूंग का समर्थन मूल्य 79 रुपए बढ़ाकर 7275 रुपए तय किया है। पिछले साल मूंग का समर्थन मूल्य 7196 रुपए था। आंकड़ों के मान से इस बार बाडी क्षेत्र में 18 से 20 हजार हेक्टेयर भूमि में मूंग की बोवनी हुई।
मध्य प्रदेश के किसान लहसुन के गिरते दामों से परेशान, सरकार से लगाई गुहार

मध्य प्रदेश के किसान लहसुन के गिरते दामों से परेशान, सरकार से लगाई गुहार

इस साल मध्य प्रदेश के साथ कई अन्य राज्यों में लहसुन की अच्छी फसल हुई है। लेकिन लहसुन के अच्छे भाव न मिलने के कारण मध्य प्रदेश के किसान बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन बेहद सस्ते दामों में बिक रहा है जिससे किसान बेहद परेशान है, क्योंकि यदि लहसुन मिट्टी के मोल बिका तो किसानों की लागत भी नहीं निकल पाएगी। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=F5rx-hgX2eo&t=1s[/embed] किसानों को इस साल लहसुन की खेती में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें किसान लहसुन का सही भाव न मिलने के कारण या तो जानवरों को खिला रहे हैं या नदी में फेंक रहे हैं। लहसुन के लगातार गिरते भावों के कारण बहुत सारे किसान अपनी फसल को मंडी में ही फेंककर घर जा रहे हैं।

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लहसुन के गिरते भावों से परेशान आज इंदौर के किसान, इंदौर के सांसद के घर पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने फसल के गिरते हुए भावों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किया गया। इस दौरान किसानों ने सांसद को ज्ञापन सौंपा जिसमें किसानों को उनकी फसलों का उचित भाव दिलाने का आग्रह किया गया। साथ ही किसानों ने सांसद से भावांतर की बकाया राशि के भुगतान की मांग भी की। इस दौरान सांसद ने किसानों से कहा कि वो इन सभी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे। प्रदर्शन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक श्री रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि हम सिर्फ किसानों का दर्द माननीय सांसद महोदय से बताने आये हैं। क्योंकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा जिससे किसान तनाव में हैं। किसानों को अगर इस खेती में घाटा लगा तो उन्हें अगली बुवाई करने के लिए परेशानियों का सामना करना पडेगा।

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इस दौरान किसानों ने इंदौर में गणेश शंकर विद्यार्थी प्रतिमा से ओल्ड पलासिया तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। यह जुलुस सासंद के कार्यालय के सामने समाप्त हुआ। भवांतर राशि के भुगतान में हो रही देरी को लेकर सांसद ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे अभी ही मिली है, अगर इसमें कोई गड़बड़ी हो रही है तो इसका निराकरण शीघ्र ही किया जाएगा। लहसुन के गिरते हुए भावों को लेकर राजधानी भोपाल में आला अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर चल रहा है। आज से विधानसभा का मानसून सत्र भी प्रारम्भ हो चुका है, हो सकता है इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के पक्ष में कोई बड़ा फैसला लें। जिससे किसानों को लहसुन की खेती में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि प्रदेश में किसानों के मित्र के रूप में है, ऐसे में वो किसानों को लेकर मॉनसून सत्र में कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अक्सर किसानों के हित की बात करते हैं और किसानों के उत्थान के लिए उन्होंने अभी तक कई योजनाएं चलाई हैं, जिनसे किसानों को फायदा भी हुआ है। इन योजनाओं की सहायता से किसानों का उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
इस राज्य के लाखों किसानों के खाते में भेजे गए 140 करोड़ रुपये, इस तरह करें जाँच

इस राज्य के लाखों किसानों के खाते में भेजे गए 140 करोड़ रुपये, इस तरह करें जाँच

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत एमपी के 7 लाख से अधिक कृषकों को 140 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि स्थानांतरित की जा चुकी है। किसानों को दो किस्तों में 4,000 रुपये भेजे जाते हैं। कृषि क्षेत्र की उन्नति एवं प्रगति जब ही संभव है, जब कृषकों की आर्थिक हालत सुद्रण रहेगी एवं कृषकों की आमदनी में वृद्धि हेतु बहुत सारी कोशिशें की जा रही हैं। खेती की लागत को कम करने की पहल की जा रही है। 

केंद्र एवं राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक ताकत दे रही हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जारी की है। इस योजना के अंतर्गत करोड़ों कृषकों के खाते में वार्षिक 6,000 रुपये दो-दो हजार रुपये की किस्तों में सीधे तौर पर स्थानांतरित किए जाते हैं। राज्य सरकारें भी स्वयं के स्तर पर कृषकों को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करती हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश की सरकार ने भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना जारी की है, इसके अंतर्गत वार्षिक 4,000 रुपये प्रदेश के कृषकों को प्रदान किए जाते हैं।

7 लाख किसानों के खाते में 140 करोड़ रुपये हस्तांतरित

हाल ही, में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 7 लाख किसान परिवारों को 140 करोड़ रुपये की धनराशि अंतरित की गई है। यह धनराशि रीवा संभाग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डायरेक्ट किसानों के खाते में हस्तांतरित की है। प्रदेश के लाखों किसानों को इस योजना के जरिए काफी फायदा पहुँचाया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 4,000 रुपये की आर्थिक सहायता किसानों को दी जाता है। यह धनराशि प्रत्येक 6 माह में हस्तांतरितकी जाती है। इस योजना का सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होता है। जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत वार्षिक 6,000 रुपये की सहायक धनराशि का फायदा उठाते हैं।

खाते में पैसे आए कि नहीं कैसे पता करें

हाल ही, में 7 लाख कृषकों के खाते में 140 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई है। अगर आप भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के पात्र हैं तब आप ऑफिशियल साइट https://saara.mp.gov.in/ पर जाकर योजना की हस्तांतरित धनराशि की जाँच कर सकते हैं। 

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  • सर्व प्रथम https://saara.mp.gov.in/ पर जाकर क्लिक बटन दबाएं।
  • वेबसाइट के होम पेज पर किसान स्वयं के आधार कार्ड या बैंक खाते नंबर दर्ज करें।
  • यहां पर वर्ष, जिले, तहसील, किस्त एवं स्वयं के गांव का चयन करें।
  • उसके बाद स्क्रीन पर गांव के समस्त किसानों की सूची स्वयं जाएगी।
  • यहां निज गांव के समीप अंकित संख्या पर क्लिक करके बैंक में हस्तांतरित धनराशि की जाँच कर सकते हैं।

किसान किस तरह से फायदा उठा सकते हैं।

अगर स्वयं आप भी मध्य प्रदेश निवासी हैं एवं निजी भूमि पर खेती किसानी करते हैं। तो मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ लेने हेतु अधिकार रखते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना बहुत ज्यादा सुगम है। 

यदि आप चाहें तो, सर्वप्रथम कृषि विभाग के कार्यालय में पहुँचकर योजना की पात्रता आदि के विषय में अवगत हो सकें। आप जब आवेदन करें उस समय किसान को स्वयं का आधार कार्ड, खेत का खसरा-खतौनी, निवास प्रमाण पत्र, पंजीकृत मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो। अगर पूर्व से ही आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से फायदा उठा रहे हैं, तब भी पंजीकरण के उपरांत डायरेक्ट आवेदन किया जा सकता हैं।

किसानों  के लिए इस राज्य सरकार की बड़ी घोषणाएं, फसलों के नुकसान पर मिलेगा इतना मुआवजा

किसानों के लिए इस राज्य सरकार की बड़ी घोषणाएं, फसलों के नुकसान पर मिलेगा इतना मुआवजा

पिछले 2 सप्ताह में मध्य प्रदेश में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने जमकर कहर ढाया है। इस दौरान राज्य में गेहूं, चना, सरसों और मसूर की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल खेतों में पूरी तरह से बिछ गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पिछले सप्ताह ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए सर्वे के आदेश दिए थे। यह सर्वे पूरा हो चुका है और इसकी विस्तृत रिपोर्ट मध्य प्रदेश शासन को भेजी जा चुकी है। रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि सरकार 50 फीसदी तक बर्बाद हुई फसल पर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा प्रदान करेगी। इसके अलावा किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलवाया जाएगा। साथ ही फसलों को हुए नुकसान का सैटेलाइट से सर्वे भी करवाया जाएगा। जिसमें सरकार के तीन विभाग संयुक्त रूप से फसल के सर्वे का काम करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा है कि ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है, उनसे फिलहाल कर्ज की वसूली नहीं की जाएगी। साथ ही अब कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी। इस दौरान यदि किसी व्यक्ति की ओलावृष्टि या बिजली गिरने से मौत हो गई है तो उसके परिजनों को सरकार 4 लाख रुपये की सरकारी सहायता उपलब्ध करवाएगी।

गाय-भैंस की मृत्यु पर भी मिलेगी सहायता राशि

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि फसल के नुकसान के अलावा यदि आपदा के दौरान किसी की गाय या भैंस की मृत्यु हो गई है तो ऐसे लोगों को 37 हजार रुपये प्रति जानवर की दर से सहायता राशि उपलब्ध कारवाई जाएगी। इसके साथ ही भेड़-बकरी की मृत्यु पर 4 हजार रुपये तथा बछड़ा और बछिया की मृत्यु पर 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। मुर्गा और मुर्गियों का नुकसान होने पर 100-100 रुपये दिए जाएंगे। यदि आपदा से किसी के घर को नुकसान हुआ है तो उसके घर की मरम्मत के लिए भी सहायता उपलब्ध कारवाई जाएगी। ये भी पढ़े: यहां मिल रहीं मुफ्त में दो गाय या भैंस, सरकार उठाएगी 90 फीसद खर्च

रबी फसल के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे किसान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसे किसान जिनकी फसल बर्बाद हो गई है और उनके घर में उनकी बेटी की शादी है। ऐसे किसानों को सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 56 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाएगी। साथ ही कन्या के विवाह में भी सहयोग करेगी। इसके साथ ही जो किसान रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए हैं, ऐसे किसान फिर से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। उनके लिए दोबारा पोर्टल खुलवाया जाएगा। ताकि कोई भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ से छूटने न पाए।